NEET UG 2025 के नतीजे इस बार काफी अप्रत्याशित रहे हैं, जो पिछली उम्मीदों से बिल्कुल अलग तस्वीर पेश कर रहे हैं। इस साल के टॉपर महेश केशवानी ने 686 अंक हासिल किए हैं, जो पिछले साल के टॉपर से 34 अंक कम हैं। गौरतलब है कि इस बार किसी भी छात्र ने 720 में से 720 अंक प्राप्त नहीं किए, जबकि पिछले साल 17 छात्रों ने यह परफेक्ट स्कोर हासिल किया था। ये आंकड़े स्पष्ट रूप से संकेत दे रहे हैं कि इस बार कटऑफ में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
सरकारी मेडिकल कॉलेजों में 100 अंकों तक गिर सकती है कटऑफ
NEET के परिणामों के विश्लेषण के बाद, विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार सामान्य वर्ग (General Category) के उम्मीदवारों को 520 से अधिक अंकों पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में MBBS सीट मिलने की उम्मीद है। पिछले साल इन्हीं सीटों के लिए 650 से अधिक अंक आवश्यक थे। अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए यह आंकड़ा लगभग 500 अंकों तक रह सकता है, जबकि अनुसूचित जाति (SC) के लिए 450 और अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के लिए अंतिम कटऑफ 400 अंकों तक आने की संभावना है।
सीटों की तुलना में अधिक छात्र, लेकिन स्कोर अपेक्षाकृत कम
देशभर में कुल 780 मेडिकल कॉलेजों में 1 लाख 18 हजार 148 MBBS सीटें उपलब्ध हैं, जिनमें से 59 हजार 782 सीटें सरकारी मेडिकल कॉलेजों की हैं। वहीं, 50 हजार से अधिक उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हें 500 से अधिक अंक मिले हैं। सीटों की उपलब्धता के बावजूद, जनरल और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, एसटी वर्ग की छात्राओं को 360 अंकों तक भी सरकारी सीट मिलने की उम्मीद है, क्योंकि आरक्षित सीटों की तुलना में छात्राओं की संख्या कम है।
राजस्थान में शीर्ष कॉलेजों की मांग से कटऑफ बढ़ने की संभावना

NEET UG 2025 में राजस्थान के मेडिकल कॉलेजों की मांग में वृद्धि देखी जा रही है। SMS मेडिकल कॉलेज जयपुर, AIIMS जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर और उदयपुर जैसे प्रमुख संस्थान छात्रों की पहली पसंद बने हुए हैं। अनुमान है कि इन कॉलेजों में कटऑफ पिछले साल की तुलना में 30 से 40 अंक अधिक रह सकती है, खासकर उन छात्रों के लिए जो राजस्थान के बाहर से इन कॉलेजों में प्रवेश लेना चाहते हैं।
उत्तीर्ण उम्मीदवारों की संख्या अधिक, सीटें अब भी सीमित
इस बार NEET UG परीक्षा में कुल 22 लाख 9 हजार 318 छात्रों ने भाग लिया, जिनमें से 12 लाख 3 हजार 531 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है। इनमें सबसे अधिक 3 लाख 38 हजार छात्र सामान्य वर्ग से हैं, इसके बाद ओबीसी से 1 लाख 68 हजार और एसटी से 67 हजार 234 छात्र उत्तीर्ण हुए हैं। हालांकि, इतने अधिक सफल छात्रों के बावजूद सीटें अभी भी सीमित हैं, जिससे आगामी काउंसलिंग प्रक्रिया चुनौतीपूर्ण रहने की संभावना है।