NTA NEET UG Result 2025 Postponed Again: नीट यूजी परीक्षा पर फिर अचानक से लगी रोक, अगले आदेश तक नहीं जारी होगा रिजल्ट

NTA NEET UG Result 2025 Postponed Again:: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट यूजी 2025 परीक्षा के परिणाम एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गए हैं। मद्रास हाई कोर्ट ने हाल ही में नीट यूजी 2025 के रिजल्ट को अंतरिम रूप से रोकने का आदेश जारी किया है। यह निर्णय परीक्षा केंद्रों पर हुई गंभीर गड़बड़ियों और छात्रों द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के बाद लिया गया है।

छात्रों का आरोप है कि चेन्नई और इंदौर सहित कई केंद्रों पर बुनियादी सुविधाओं के अभाव में परीक्षा संचालन प्रभावित हुआ, जिससे उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ। कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 2 जून तक रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी है। यह मामला NEET परीक्षा के इतिहास में एक और विवाद के रूप में दर्ज हो गया है।

NEET UG Result 2025 Stay Again

मद्रास हाई कोर्ट ने नीट यूजी 2025 के परिणामों को जारी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। यह आदेश उन छात्रों की याचिका पर दिया गया है, जिन्होंने चेन्नई के पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय (सीआरपीएफ परीक्षा केंद्र) में हुई गड़बड़ियों को कोर्ट के समक्ष रखा।

छात्रों ने बताया कि 4 मई को परीक्षा के दौरान भारी बारिश और आंधी के कारण केंद्र पर बिजली आपूर्ति बाधित हो गई, जिसके बाद जनरेटर या इनवर्टर जैसी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई। इससे उम्मीदवारों को अंधेरे में परीक्षा देनी पड़ी। कोर्ट ने इस स्थिति को गंभीर मानते हुए केंद्र सरकार से हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई 2 जून तक के लिए स्थगित कर दी है।

NEET UG 2025 परीक्षा के बीच हुई थी बिजली कटौती

नीट यूजी 2025 परीक्षा के दौरान चेन्नई के सीआरपीएफ परीक्षा केंद्र पर हुई घटना ने छात्रों के लिए बड़ी चुनौती पैदा की। 4 मई को दोपहर 3:00 से 4:15 बजे तक केंद्र पर बिजली की आपूर्ति पूरी तरह बंद रही। मौसम की खराबी के चलते बारिश और आंधी ने बिजली के खंभों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन प्रशासन ने जनरेटर या इनवर्टर जैसे वैकल्पिक साधन उपलब्ध नहीं कराए।

छात्रों ने कोर्ट में शिकायत की कि अंधेरे और असुविधाजनक हालात में परीक्षा देना उनके लिए मानसिक तनाव का कारण बना। इसके अलावा, बिजली वापस आने के बाद भी उन्हें अतिरिक्त समय नहीं दिया गया, जिससे कई प्रश्न हल करने का मौका नहीं मिला।

छात्रों ने की एक्स्ट्रा टाइम न मिलने की शिकायत

छात्रों ने मद्रास हाई कोर्ट में यह भी आरोप लगाया कि बिजली कटौती और पानी भरने जैसी आपात स्थितियों के बावजूद NTA ने उन्हें कोई राहत नहीं दी। अन्य केंद्रों के उम्मीदवारों की तुलना में इन छात्रों को खराब परिस्थितियों में परीक्षा देनी पड़ी, जो संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता) का सीधा उल्लंघन है। छात्रों का तर्क है कि परीक्षा आयोजकों ने संसाधनों की कमी और प्रबंधन में लापरवाही दिखाई, जिससे उनका भविष्य खतरे में पड़ गया।

इंदौर परीक्षा केंद्र में भरा था पानी

इसी तरह की समस्या मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भी सामने आई। यहां 13 छात्रों ने शपथ पत्र के माध्यम से बताया कि परीक्षा के दिन भारी बारिश के कारण कक्षाओं में पानी भर गया। इससे उन्हें अपनी निर्धारित सीटें छोड़कर इधर-उधर बैठकर परीक्षा देनी पड़ी। पानी भरने की वजह से उम्मीदवारों का ध्यान बार-बार भटका और उन्हें प्रश्नों को हल करने में कठिनाई हुई। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर केंद्र के रिजल्ट जारी करने पर पहले ही रोक लगा दी थी।

NTA की लापरवाही

NEET UG परीक्षा भारत में मेडिकल प्रवेश के लिए सबसे महत्वपूर्ण परीक्षाओं में से एक है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में NTA के तहत इसके आयोजन को लेकर विवाद लगातार बढ़े हैं। 2025 की परीक्षा में चेन्नई और इंदौर की घटनाएं प्रशासनिक लापरवाही की गंभीर मिसाल हैं। छात्रों का मानना है कि NTA को परीक्षा केंद्रों की बुनियादी सुविधाओं का निरीक्षण करना चाहिए था और आपात स्थितियों के लिए पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। इस मामले में कोर्ट का हस्तक्षेप छात्रों के अधिकारों की रक्षा की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।

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